Cartoonist Abhishek , Assistant Editor/ Editorial Cartoonist, राजस्थानपत्रिका, PrimeTime host, Patrika Tv
Thursday, July 14, 2011
Friday, July 1, 2011
Wednesday, June 29, 2011
Tuesday, June 28, 2011
Monday, June 27, 2011
Tuesday, May 31, 2011
Monday, March 14, 2011
Wednesday, January 26, 2011
केदारनाथ सिंह की कविता
केदारनाथ सिंह की कविता
सब चेहरों पर सन्नाटा
हर दिल में गड़ता कांटा
हर घर में गीला आटा
यह क्यों होता है...?
जीने की जो कोशिश है
जीने में यह जो विष है
सांसों में भरी कशिश है
इसका क्या करिए...?
कुछ लोग खेत बोते हें
कुछ चट्टानें ढोते हें
कुछ लोग सिर्फ होते हें
इसका क्या मतलब है...?
मेरा पथराया कंधा
जो है सदियों से अंधा
जो खोज चुका हर धंधा
क्यों चुप रहता है...?
यह अग्निकिरीटी मस्तक
जो है मेरे कन्धों पर
यह ज़िंदा भारी पत्थर
इसका क्या होगा...?
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