Tuesday, May 12, 2009

कील ही तो ठोक रहे हें....







5 comments:

संजय बेंगाणी said...

बस खाली वाला गजब है. :)

राजीव जैन said...

मजा आ गया सर

दिनेशराय द्विवेदी said...

तीन एक साथ छाप दिए। टिप्पणी की मजा चला गया।
पहला वाला पुराना विचार है। तीसरा वाला कुछ ही दिनों में घिस चुका है।
दूसरा वाला जानदार है। 16 तारीख तक सब बसें ऐसी ही मिलेंगी। कोई नहीं बैठेगा। पता है उस से पहले चलने वाली नहीं हैं। रिजर्वेशन वाली सवारी तो बिलकुल ही नहीं। वे भी इस ताक में रहेंगी जो पहले चले उसी में बैठूँ। कइयों ने तो तीन तीन बसों में रिजर्वेशन कराए हुए हैं।

Udan Tashtari said...

चलो चलो, बस में बैठो सब!!! हा हा!!

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

teeno mazedaar . bas to 16 may tak bhregi