Sunday, April 26, 2009

वोट फॉर घिनऊलाल.........


3 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

जीतने के बाद तो

इन्‍होंने मुख वैसे ही

नहीं दिखलाना है

नेतागिरी का यही

अफसाना है।

परमजीत सिहँ बाली said...

यह तो मतदाताओ की मजबूरी है..अब वोट तो देना ही है.....

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

ये कुम्भनदास भी लाजवाब है.